Wednesday, June 23, 2010

घरवालों के खिलाफ शादी सजा ऐ मौत


आजकल दिल्ली में ऑनर किलिंग की बाढ़ सी आ गयी है इस बाढ़ मै कई परिवार झुलस गए और पता नहीं कितने अभी झुलसने बाकि है क्या आप भी किसी से प्यार करते है कही आपके घरवाले तो नाराज नहीं है न :
अगर है तो जैसे भी हो मना लीजिये तो आपका भी अंजाम सायद वही हो जो अशोक बिहार में एक प्रेमी के साथ हुई है एक ही परिवार के तीन लोगो की हत्या कर दी गयी हत्या करने वाले कोई और नहीं अपने ही परिवार के लोग है वही भाई जो एक साथ खेल-कूद कर बड़े हुए और वही भाई जो राखी के दिन अपने कलाई पर बहन के हाथ से राखी बंधवाया आज वही भाई झूठी आन बाण शान और इज्जत के खातिर उसी बहन की हत्या कर दिया
क्या उस भाई का हाथ नहीं कंपा ? क्या उस भाई को अपने बहन की चीख नहीं सुने दी ? जिस एक चीख पर भाई किसी की जन लेने के लिया तैयार रहता था वही भाई अपने बहन को तरपा-तरपा कर कैसे मार सकता है ये सुन कर भी मन व्याकुल हो जाता है आंख से अनसु आ जाते है लकिन यही सच है आज की रिश्तों की कहानी ये कैसा रिश्ता है आखिर रिश्तों मई दरार इस तरह क्यों शित्फ़ झूठी शान के लिए या इज्जत के लिए चाहे जो भी ये सब समाज में गिरते रिश्तों की कहानी ही बयाँ करती है
क्या आप भी किसी से प्यार करते है , शादी करना चाहते है , ज़रा सा एक बार सोचये क्या आपके घरवाले इस शादी से नाराज़ तो नहीं है न अगर है तो कभी भी ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे क्योकि शादी के बाद न ही आपको कोई सुरक्षा दी जाएगी और न ही आप से कोई जान ने आयेगा की आप कैसे हो सो कृपया ऐसा करने से पहले सोचये जरुर आप तो जानते ही है की कुछ ही दिन पहले हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को और राज्य सरकार को ऑनर किलिंग के मामले में फटकार लगाई है ऑनर किलिंग एक sochmeeye विषय है जिस पर सभी को सोचना चाहिए जिस तरह से एक के बाद एक ऑनर किलिंग का मामला दिल्ली और बाकि जगहों में घटता जा रहा है
इसको रोकने के लिए सरकार को कोई थोश कदम उठानी ही चाहिए कोई कड़ा कानून बनाना चाहिए जिससे की कोई इस तरह के घटना को अंजाम देने से पहले एक नहीं सौ बार सोचे
इन हत्याओ को देख कर तो ऐसा ही लगता है की आजकल प्यार के सामने जिन्दगी कम पर गयी है
इस तरह की हत्या का क्या मतलब है क्या कोई किसी से प्यार नहीं करे ? प्यार करने वालों का यही अंजाम होना चाहिए या फिर इस तरह से हत्या करने वालों को ऐसा सज़ा देना चाहिए की फिर कोई ऐसा करने की भूल न करे
ये फैसला सरकार कानून और समाज को मिलकर करना होगा
मुरारी तिवारी

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