Sunday, July 18, 2010

युवा में बढ़ता नशे का फैशन

नशा धीरे - धीरे पूरे देश की जनता को अपने शिकंजे में लेता जा रहा है। प्रत्येक दिन नशा और इन्सान के बिच गहरा सम्बन्ध बनता जा रहा है। नशीले पदार्थो की बिक्री दिन - प्रतिदिन तेजी से बढती जा रही है। पहले युवाओ का शौख और फैशन होता है नशा और फिर यही फैशन आदत में बदल जाती है और धेरे- धीरे नशों के दलदल में फास्ता चला जाता है। हर रोज नशे से मरने वाले लोगो की संख्या में वृधि होती जा रही है । फिर भी लोग नशे को छोरने के लिए कतय तयार नहीं है। सरकार भी अपने स्तर से विफल दिखाई पड़ता है। कानून बनते जा रहे है लकिन उनका असर कही भी दिखाई नहीं पड़ता है। क्योकि आज भी नशे खुलें आम किये जाते है । नशे का असर नवयुवको में इस कदर पहचान बनाते जा रहे है किएक दिन हम सभी इस नशे के चंगुल में फंस जायेंगे ।

वेस्ट का कल्चर अपना कर लगता है।

सारा कुछ वेस्ट ही होता जा रहा है।


आज के समय में हर जगह पर नशा करते देखा जा सकता है। चाहे वो घर हो या ऑफिस सड़क हो या सार्वनिक स्थान या फिर स्कुल ही क्यों न हो । हर उर्म के लोग नशे को गले लगते नज़र आते है। आजकल तो नवयुवक में भी नशे का फैशन बढ़ता जा रहा है। खासकर उन दिनों जब कोई त्यौहार का दिन हो ।क्योकि पार्टीऔर ख़ुशी बिना नशे का लोगो को कहा मिलता है। कहने का साफ मतलब है कि नवयुवको और न्वालिगो में नशा का चलन बढ़ता ही जा रहा है। और हमारी पुलिसया विभाग हो या सरकार इस पर अंकुस लगाने में असमर्थ दिखाई पड़ते है।

क्या आज के समय में किसी फंग्शन को मनाने का एक मात्र साधन या उपाय नशा ही है।

ऐसा कहा जातो सायद गलत नहीं होगा ।

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