Friday, March 19, 2010

हेडली और अमेरिका के बिच कौन सा डील

मुम्बई हमलों के आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने १८ मार्च को गुनाह काबुल कर लिया हेडली ने सिकागो कोर्ट में अपने १२ के १२ घुनाह काबुल कर लिया हेडली ने भारत में हुए २६/११ हमले में साजिश रचने समेत सभी घुनाह काबुल कर अपने मोंत की सजा से बच गया हेडली ने यह भी माना की उसने अपने दोस्त तःह्बुर रना की इमिग्रेशन कम्पनी का इस्तेमाल भातर और डेनमार्क में लस्कर और अन्य आतंकी संगठनों के लिए जासूसी की है
डेविड हेडली ने अपने १२ घुनाह इसलिए काबुल की है की उसे सजा कम मिले और वो मौत के सज से बच जाये हेडली और अम्रीका के बिच कुछ तो डील हुई हैअम्रीका नहीं चाहता है की अम्रीका का बदनामी हो जो की विस मै सबसे ताकत वर माना जाता है ये भी बताया जाता है की हेडली डबल एजेंट था इस कारन से हेद्लिम के पास भुत ससरी सुचना हो सकती है तो अमेरिका ऐसा गलती कभी नहीं करेगा की वो हेडली को कही और देस को सौप दे हेडली पहले अमेरिका के लिए भी कम करता था तो जाहिर सी बात हियो ,की अमेरिका नहीं चाहेगा की कोई ब्व्ही देस हेडली से बात करे नहीं तो हेडली से सारी सुचना प्राप्त की जा सकती है साथ ही हेडली के पास जो भी सुचना है वो केवल अमेरिका के पास ही रहेगी अब तो अमेरिका जो सुचना देगा उसी पर भारत को संतोष करना परेगा अमेरिका और हेडली के बिच बहुत सारा डील हुआ होगा जिसमे से तो सबसे बड़ा डील ये होगा की अमेरिका को हेडली सारी सूचनाएं दे इसके वाज में मेरिका हेडली को सजा कम करवा देगा और किसी भी देस को नहीं सौपेगा अब देखना ये है की भारत सर्कार २६/११ के अहम् आतंकवादी के लिए क्या कदम उठा है और क्या जानकारी जूता पते है ऐसा तो नहीं लगता है की अमेरिका कभी भी भारत को हेडली से कोई जानकारी लेने देगा भारत सर्कार को कही न कही तो झटका लगा ही होगा पर क्रेव तो क्या करे सबसे बड़ी बात तो ये है की भारत सर्कार देशवासियों को क्या जबाब देगी क्या अमेरिका कोई भी सुचना भारत को देने के लिए तैयार होगा अगर होगा भी तो सुरक्षा के लिहाज से क्या उस सुचना को जनमानस तक लाया जायेगा एक अहम् बात और है क्या विपक्षी दल इतना होने के बाद चुप चाप बैठेगी क्या हेडली को लेकर भारत और अमेरिका के बिच जो सम्बन्ध है उसमे खट्टाश पैदा नहीं होगा क्योंकि भाजपा तो पहले से ही कह चुके है की सरकार अमेरिक के इशारों पर नचती है और मनमोहन सिंह सोनिया के इशारों पर तो क्या भूमिका होगी विपक्षी दलों की इस मसले पर डेविड कोलमैन हेडली जिसका नाम पहले दयुद गिलानी है वो पहले भी एक बार अमेरिका मै पकड़ा गया है १९९८ मै ड्रग्स के तस्करी मै उसे २ साल की सगा हुई थी और एक दिलके तहत छोड़ दिया गया ये भी बताया गया है की अमेरिका के पास पहले से ही हेडली पर नज़र था और हेडली के एक एक हरकत पर अमेरिका का नज़र था यहाँ तक की हेडली भारत की रेकी करने आया था वो भी पता था तो अमेरिका क्यों नहीं भारत को बताया क्या कारन हो सकता है आप तो अच्छी तरह जन ही सकते है अमेरिका के लिए हेडली एक आतंक के सुचना का सब्दकोश है जाहिर सी बात है की अमेरिका इसे चीजों को खोना नही चाहेगा अब भारत और अमेरिका के बिच क्या क्या होता है ये तो देखना ही होगा और लिखना ही होगा हेडली को क्या सजा मिलेगी और कब ये तो समय नहीं अमेरिका ही बतायेगा

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