Wednesday, June 30, 2010

कातिल कौन फैशन डिप्रेसन या कोई और


विवेका बाबाजी का कातिल चाहे फैशन जगत में होने वाले डिप्रेसन से हो या कोई और कारन से लकिन एक बात तो तय है की फैशन जगत में दुनिया की चकाचोंध के पीछे एक अंधकारमई मौत छुपी होती है नाम इज्जत पैसा हसरत पयार ये सभी कुछ ही दिनों के लिए होता है वैसे भी कहा जाता है की फैशन जगत में ज्यादा लम्बा करियर नहीं होता उम्र की ढलती पराव के साथ-साथ धीरे-धीरे सब कुछ ख़त्म होने लगता है कही किनारा मिला तो ठीक नहीं तो डूबना तो तय ही है विवेका बाबाजी कोई पहली मोडल नहीं जिसके साथ फैशन जगत ने नाइन्शाफी की है फैशन जगत की यही सचाई है जिससे मुह नहीं मोड़ा जा सकता है विवेका बाबाजी भी फैशन जगत की अंधकार में डूब गयी असमान में चमकते सितारे जब टूट कर छोटे-छोटे टुकड़े में जमीन पर गिरती है तो भिखर जाती है और पता भी नहीं चलता है उसी तरह विवेका बाबाजी भी इतना टूट चुकी थी की बिखराव किसी को पता भी नहीं चला और वो मौत के आगोश में सो गयी इस तरह की घटना का जिमेवार कौन है कहा नहीं जा सकता है क्योकि कुछ ऐसे भी हत्यारे होते हैं जो दीखते नहीं लेकिन इस तरह से प्यार में एक के बाद एक धोखा खाना ,आर्थिक इस्थिति से कमजोर होना ,या कोई सहारा नहीं मिल पाना या फिर डिप्रेसन कारन चाहे जो भी हो कातिल जो भी हो ये हमलोग से अच्छा तो विवेका बाबाजी ही जानती होगी जो दुनिया समाज से हर कर मौत के आगोश में सो गयी कुलमिलाकर कहा जा सकता है की फैशन जगत की सच्चाई एक बार फिर विवेका बाबाजी की मौत बनकर आई

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