Friday, July 2, 2010

हिन्दोस्तां हमारा

हिंदुस्तान की संस्कृति को अब भी सबसे बढ़िया माना जाता है जिसमे मेहमान नवाजी के लिए तो सभी जानते है भारत की धरती पर मेहमानों के साथ जिस शालीनता से पेस आते है ये तो सभी जानते है कहा जाता है की अगर दुसमन भी दरवाजे पर आ जाये तो उसे खरी खोटी नहीं सुनते उल्टा खाना पीना नहीं तो कम से कम चाय पानी तो करते ही है दुसमन अगर मेरा या आपका हो तो चल जाता है लकिन अगर देश का दुसमन हो तो क्या करना चाहिए ये तो हम सब जानते ही है दुसमन कहने कामतलब है वो सभी आतंकी संगठन जिसने भारत की धरती को खून से लाल कर दिया हो क्या आप उसको खाना खिलाना पसंद करेंगे नहीं न मगर ऐसा हुआ है और ये कोई और नहीं जिसके हाथों मै मेरी आपकी सुरक्षा है वही ऐसा किया है जी हा पंजाब पुलिस ने आतंकवादी के मेहमान नवाजी में कोई कसार नहीं छोड़ी आतंकी संगठन बब्बर खालशा के आतंकी जगमोहन को १ जुलाई को पंजाब पुलिस के चार जवानों ने खूब खातिरदारी की कोई कसार नहीं छोड़ी. अपने साथ बैठकर होटल में हाथ खोल कर खाना खिलाया. ये वही आदमी है जो सरहद पर हथियार का तस्करी मामलो में पाकर गया था । जिसको पटियाला जेल से कोर्ट ले जाया जा रहा था ये सब उसी के दौरान हुआ । पुलिस चाहे जो भी सफाई दे इस तरह के आतंकी को खुलें हाथ खोल कर भोजन कारवां का नियम तो सायद नहीं वो भी सार्वजनिक जगह पर कटाई नहीं। मेहमान नवाजी इस तरह का क्या सही है ये तो आम जनता को ही सोचना चाहिए और सरकार को भी .

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